अध्याय 1 : दृष्टिकोण - लाल आत्माएं - (एक लंबी कविता) - मेई वान फान - अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद : नीता पोरवाल / Chương I: Điểm nhìn. Trường ca Những linh hồn thẫm đỏ. Mai Văn Phấn. Neetta Porwal dịch từ tiếng Anh sang tiếng Hin-đi
मेई वान फान
अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद : नीता पोरवाल
Mai
Văn Phấn
Translated
from English into Hindi by Neetta Porwal
Neetta
Porwal dịch từ tiếng Anh sang
tiếng Hin-đi

Ms. Neetta
Porwal, poet & translator
लाल आत्माएं
(एक लंबी कविता)
अध्याय 1
दृष्टिकोण
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जैसे-जैसे मैं आगे बढ़ा, तुम्हारी दुनिया देख विचलित हो उठा. सिर्फ अक्खड़ और अनभिज्ञ होने के कारण मेहरबानी करके मेरी निंदा करने में जल्दबाजी मत करना। आपमें से कुछ जीवात्माएं ऊंचा न उठ सकने के लिए भी जानीं जातीं हैं| क्या वे अभी भी अपना रास्ता अंधों की तरह टटोल रही हैं और अब तक वहीं पर हैं? मैं हर सांस के साथ और ऊंचा उठता हूं। मेरे मुँह के कोनों से बहता रक्त धार बांधकर धरती माँ पर गिर रहा है|
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मैं सही और गलत, जागृति और भ्रम की मिलीजुली मनःस्थिति में बड़ा हुआ, आधुनिकता और किसानी, नासमझी और महत्वकांक्षा, उदारता और क्षुद्रता, पूर्णता और अकेलेपन, कुलीनता और नीचता, शिष्टता और पिछड़ेपन के बीच एक रास्ता तलाशता हुआ, गुमशुदा होता रहा ... एक सुबह मैंने एक मछली को बहाव से उलट तैरते हुए और एक तारे को भोर की अपलक प्रतीक्षा करते हुए देखा। मैं विचलित मन से कक्षा में गया और अपने सहपाठी के पास बैठ गया, जिनमें से अधिकांश उस समय बुत की तरह मालूम होते थे। हमने अपने शिक्षक का नीरस लेक्चर सुना। फिर उंगली के इशारे से उन्होंने हमें अपनी नोटबुक का एक पेज खोलने के लिए कहा। वह हम सबको कुछ देर तक घूरते रहे, फिर मेरे नजदीक आकर खड़े हो गये. उन्होंने मुझसे जो कहा वह मुझे एक आदेश की तरह लगा- कि अगर मुझे पाठ समझ में आ गया हो, तो मुझे यह भी मालूम होना चाहिए कि अपनी भावनाओं को कैसे काबू रखा जाये।
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शिक्षक ने कक्षा में कई मॉडल दिखाए जैसे - युद्ध, प्रवास के चरण, शुद्धिकरण, सुधार ... हड्डियों से पहाड़, सड़कें, अस्थायी ठिकाने बनाये गये; विदेशी आक्रमणकारियों के जहरीले तीरों को रोकने के लिए महल की दीवारें बनाईं गयीं। मोम का उपयोग कर खून और आँसू की नदियों का रूप दिया गया। पर शिक्षक के तीली जलाते ही मॉडल ने तेजी से आग पकड़ ली। पहली बार, हम आत्मा और विचारों के जलने से उठती एक जैसी गंध के साक्षी थे, दोनों ही प्रचुर मात्रा में काला धुआं फेंक रहे थे। उसी पल, मैंने औपचारिक सीमाओं के असीम होने की और एक स्थिर और शांत विशाल द्वीप की कामना की। घने काले धुएँ के गुबार से अटा मैं क्लास से बाहर निकल आया।
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मैं सब्र के साथ उस स्याह परत को साफ़ करने लगा जो रास्तों पर कंबल सी बिछी पड़ी थी, जिसने फुटपाथ के किनारे की घास, पुल और किलोमीटर चिन्हों को ढांप लिया था। मैंने पानी पर जमी काले अवशेषों वाली परत हटाई, बांह के काले पट्टों, काले चिन्हों, और काली पतंगों को जो आसमान से चिपक गयीं थी, वापस लाने के लिए पुरजोर कोशिश करने लगा। मैं एक बच्चे के पास गया और फुसफुसाती आवाज़ में प्रार्थना करते हुए उससे बोला: मुझे तुम्हारे कपड़ों पर जमी स्याह काली परत और तुम्हारे माथे पर जमी कालिख हटाने दो! बच्चे ने मुझे गुस्से भरी नजरों से देखा, मानो वह कोई जंगली जानवर को देख रहा था और फिर चुपचाप चला गया। मैं लगातार उसका पीछा करता रहा, यह दिखाते हुए कि जैसे हम कभी मिले ही नही थे, और स्नेह से उसके शरीर पर जमी कालिख की परत हटाता रहा। मैं उसके शरीर को चुपचाप तब तक साफ़ करता रहा जब तक वह बेदाग़ नही हो गया, मैं उसकी बुझी हुई नजरों को और नहीं देख पा रहा था।
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हर सुबह मेरी आँख खबरों के जाल में खुलती, मुझे लगता मानो मैं एक महाकाय मकड़ी के जाल में फंसता जा रहा था। एक रोज, मैंने एक खबर पढ़ी और फिर नाश्ता करना ही भूल गया। मुझे धरती भयभीत घोड़े की तरह उछलती मालूम हहुई| सड़क, चारागाह हर तरफ सिर्फ धूल ही धूल नजर आ रही थी। मैं जागा हुआ था या सपना देख रहा था, मैं कहाँ था? मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरी मातृभूमि पत्थर, पहाड़ियों, बगीचों, खेतों, तटों और नहरों से बनी थी या फिर निर्जीव चीजों – जैसे नमक और सॉस, कोयला और राख या ब्लेड्स और नुकीली स्ट्रा से बनी थी। यहाँ तक कि मैं खुद से सवाल कर बैठा कि जमीन के पंजे क्यों नही होते अगर होते तो वो सारे कचरे को दूर फेंक देती, अगर धरती अपनी धुरी पर न टिकी होती, तो ये मूरख कहीं भी खींच कर ले जा सकते थे। ये मूढ़बुद्धि अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, ये सिर्फ चीख-पुकार मचाते हैं और समूची धरती को गंदा करते रहते हैं।
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तीन लोग एक कैफे में दीवार में सीलन भरे एक छेद को घूरते हुए खामोश बैठे थे। उन्होंने देखा कि उस छेद से एक बर्र निकली और उड़ गई। उन तीन में एक कैदी था जो कई बार भागने की नाकाम कोशिश कर चुका था। दूसरे व्यक्ति की किस्मत परीक्षा में घपला करने के बाद बदल गयी थी। तीसरे व्यक्ति के घाव तो जैसे सारा सच जानने के बाद ठीक हो गये थे। वे लगातार चाय की चुस्कियां ले रहे थे, हर कोई अपने गड्डमड्ड ख्यालों के पीछे भाग रहा था। हर कोई यही सोच रहा था कि वह दूसरे को बर्र की तरह लगातार छलनी करने की कोशिश कर रहा है, और फिर भी पकड़ा नहीं गया।
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कच्चे मांस का टुकड़ा खाल से अलग कर साफ कर दिया गया था। शेफ ने उसे साफ-सुथरे चौकोर टुकड़ों में काटने की कोशिश की, पर इनमें से ज्यादातर बेतरतीब ही कटे। हर टुकड़ा मसाले में लपेट कर रखा गया, सूखी प्याज, लहसुन, काली मिर्च, चीनी, मछली सॉस और कैरेमल से मेरिनेट किया गया। पतले-पतले टुकड़े आग में एक साथ भुनने लगे। जोर-जबरदस्ती झेलते हुए और सिकुड़ते हुए, अलग-अलग शरीरों में उन्होंने पुनर्जन्म के एक ही सपने को देखा, पर बदबूदार, भुक्खड़ पेट में जाने से पहले उन्हें ताप में घिसटना पड़ा और अपनी वसा को हटाना पड़ा।
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जीवात्माओं के नाम वस्तुओं के नाम पर रखे गये थे। ये साबुन, कचरे के डिब्बे, रुई, कार्यालय के सामान की, बिजली के पंखे, धूपदान और बर्तन, तौलिए की, व्यंजन और कटोरे की आत्मा थी, मादक पेय पदार्थों के साथ किए जाने वाले भोजन की आत्मा थी। आत्माओं ने चिन्हों प्रतीकों पर कब्जा कर लिया था ... वह आत्मा एक प्रसूति अस्पताल की थी। यह सांप्रदायिक प्रशासनिक कार्यालय की आत्मा थी। स्कूल की आत्मा एक संग्रहालय की आत्मा। कोर्ट हाउस की आत्मा। चिड़ियाघर की आत्मा। सार्वजनिक कार्यालयों की आत्मा। अर्द्ध-सार्वजनिक कार्यालयों की आत्मा। एक सराय की आत्मा। मधु मक्खी पालकों की संस्था की आत्मा। एक फैले हुए खेत की आत्मा। एक सैनिक शिविर की आत्मा ...
जहां-जहां मैं गया, मुझे रोक दिया गया, सशस्त्र कर्मियों ने कागजात मांगे। मैंने अपनी जेब टटोली, समय सीमा खत्म हुए अपने लाइसेंस को उलटता पुलटता रहा। मुझे बंद दरवाजे के बाहर रोक दिया, उम्मीद की कोई किरन नही थी। मेरे बोलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। मुझे कगार पर धकेल दिया गया। मैं गिर रहा था मुझे थामने के लिए कोई न था ... विकट परिस्थिति देख मैं जाग पड़ा। बाहर बारिश हो रही थी, खुली खिड़की से ठंडी धुंध उड़ कर भीतर आ रही थी। मैं एक और सपने की आस लिए नीचे एक तरफ लुढ़क गया।
मेई वॉन फान (Mai Văn Phấn)
वियतनाम के विशिष्ट कवि मेई वॉन फान का जन्म 1955 में उत्तर वियतनाम के रेड रिवर डेल्टा, निन्ह बिन्ह में हुआ। वर्तमान में आप हेई फांग शहर में रहते हुए काव्य सृजन कर रहे हैं। आपने कई वियतनामी और अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कार अर्जित किये हैं, जिसमें 2010 में वियतनाम राइटर्स एसोसिएशन अवार्ड और 2017 में स्वीडन का साइकडा साहित्यिक पुरस्कार शामिल हैं। मेई वान फान अपनी मातृ भाषा में लिखते हैं। आपकी 16 काव्य पुस्तकें और 1 पुस्तक "क्रिटिक्स-निबंध" पर प्रकाशित हो चुकीं हैं। आपकी कविताओं का 25 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है वे भाषाएँ हैं : अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी, स्पेनिश, जर्मन, स्वीडिश, डच, अल्बानियाई, सर्बियाई, मैसेडोनियन, मोंटेनेग्रिन, स्लोवाक, रुमानियाई, तुर्की, उज़्बेक, कज़ाख, अरबी, चीनी, जापानी , कोरियाई, इंडोनेशियाई, थाई, नेपाली, हिंदी और बंगाली (भारत)।
नीता पोरवाल (Neetta Porwal)
नीता पोरवाल (15 जुलाई 1970) का जन्म उत्तर प्रेदश के अलीगढ़ शहर में हुआ| आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक और फिर बी. एड. की उपाधि लेने के बाद आप अध्यापन करने लगीं| आप एक कवि और कथाकार होने के साथ अनुवादक भी हैं| बांगला बाउल गीतों और रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं के साथ-साथ देश-विदेश के अनेक कवियों और कथाकारों की रचनाओं को आप हिंदी में रूपांतरित कर चुकीं हैं| बतौर अनुवादक विगत कई वर्षों तक कृत्या पत्रिका के साथ जुड़ीं रहीं| 2018 में चीनी कविताओं का ‘सौ बरस सौ कविताएँ (चीन की कविताओं में आधुनिकवाद)’ नामक चीनी कविता संग्रह आया जिसके लिए उनकी टीम को चीनी साहित्य के अनुवाद के लिए DJS Translation Award प्राप्त हुआ है|
English version: “Era of Junk”
Vietnamese version: “Thời tái chế”